और जब हम थक जाते हैं दुहरा -दुहराकर , फिर उसे ही पचासों बार हमसे लिखवाते हैं। और जब हम थक जाते हैं दुहरा -दुहराकर , फिर उसे ही पचासों बार हमसे लिखवाते हैं।
"मैं शहर हूँ मैं गांव से बहुत आगे निकल चुका हूँ , गांव को तो मैं हजार कदम पीछे छो "मैं शहर हूँ मैं गांव से बहुत आगे निकल चुका हूँ , गांव को तो मैं हजा...
छोड़ दो बुआई खुशी स्वचालित है। छोड़ दो बुआई खुशी स्वचालित है।
हमने सवेरे जी लिये और शामें ढलती छोड़ दीं फिर चराग़ों को बुझाके आँखे जलती छोड़ दीं हमने सवेरे जी लिये और शामें ढलती छोड़ दीं फिर चराग़ों को बुझाके आँखे जलती छोड...
कुछ अल्फ़ाज़ कह जाते हैं, कुछ अल्फ़ाज़ बह जाते हैं। कुछ अल्फ़ाज़ कह जाते हैं, कुछ अल्फ़ाज़ बह जाते हैं।
बच्चे देर से घर लौटें तो पहरेदार बन जाते हैं ये बूढ़े एक उम्र के बाद जाने क्यों सठक जात बच्चे देर से घर लौटें तो पहरेदार बन जाते हैं ये बूढ़े एक उम्र के बाद जाने क्यो...